Friday, December 6, 2013

चैट विंडो

अधूरे सपनों के साथ जीना उसकी आदत हो चुकी थी। उसे इस बात पर यकीन हो चला था कि अब उसे इसी तरह अधूरे से ख्वाब लेकर जीना है। कुछ और हसीन सपने अंजाने शहर में टूटने के बाद वो वापस अपने शहर आ गई थी। यहां दफ्तर में खोई अनमनी सी बैठी रहती थी। एक दिन चैट पर कुछ दूरी पर बैठने वाले एक लड़के का मैसेज आया। उसे बड़ा अजीब लगा। वैसे भी वो उसे कुछ खास पसंद नहीं करती थी। उसे वो बहुत घमंडी लगता था। खैर शिष्टता की खातिर उसने भी जवाब दे दिया।
इस तरह रोज़ चैट होने लगी। यही ऑफिस की बातें और हाल चाल पूछना। धीरे-धीरे चैट का रिश्ता गहराता चला गया। ऑफिस की कोई भी परेशानी हो, वे एक-दूसरे को चैट पर जरूर बताते। काम एक ओर चलता रहता और चैट भी साथ ही साथ चलती रहती। लेकिन दो ही महीने में लड़की को ऑफिस में बहुत तंग किया जाने लगा था। आखिर एक दिन उसने जिद में आकर नौकरी छोड़ दी। दूसरी नौकरी भी आसानी से मिल गई थी, जहां पैसा और पोजीशन पहली नौकरी से ज्यादा अच्छा था। कमी थी तो बस, अपने उस दोस्त की जो चैट के जरिए बहुत पास आ गया था।
नौकरी छोडऩे के बाद वे पहली बार कॉफी पर मिले। बड़ा ही अजीब माहौल था। चैट पर हर छोटी बात शेयर करने वालों के पास आज बात करने को जैसे कुछ था ही नहीं। 10 मिनट की मुलाकात में बस वो इतना ही कह पाई, क्रआई विल मिस माय चैट फ्रेंड द मोस्ट।ञ्ज लड़का सिर्फ मुस्कराता ही रहा।
दूसरे दफ्तर का माहौल काफी अच्छा था। वो वहां कई लोगों को पहले से जानती थी। एक बात की खुशी थी कि ऑफिस बदलने के बाद अब चैट विंडो सिर्फ शाम को ही नहीं, बल्कि दिन में भी खुली रहती थी। यही नहीं, अब कई बार वे दोपहर का खाना साथ खाते थे। कई बार शाम को कॉफी पीने चले जाते थे। ये उनके रुटीन में इसलिए भी शामिल हो चुका था, क्योंकि उसे ये पता चल गया था कि वो भी अब जल्दी ही शहर छोड़कर जाने वाला है। उसे भी बड़े शहर में अच्छी नौकरी मिल गई है।
उदास होकर भी वो उदास नहीं हो सकती थी। ये तो होना ही था, उसने अपने दिल को समझा लिया था। वैसे भी उनके बीच सिर्फ दोस्ती ही तो है। लेकिन जैसे-जैसे उसके जाने का वक्त नजदीक आता जा रहा था, उसका दिल बैठा जा रहा था। क्या एक बार फिर वही होगा जिसका उसे डर था? जब उसके जाने में महज दो दिन बाकी बचे तो उसने उसे एक खत लिखकर मेल कर दिया। उस मेल का पढ़कर उसका सिर भी चकरा गया। आखिर उसके दिल में भी तो यही जज्बात थे, लेकिन जिंदगी के उस मोड़ पर उन्हें स्वीकारना उसके लिए मुमकिन नहीं था।
दो दिन बाद जब वो उसे स्टेशन छोडऩे गई तो बड़ी मुश्किल से अपने आंसुओं को काबू कर रखा था। जैसे ही उसकी ट्रेन चली, लड़की की आंखों से आंसू बह निकले और न जाने कब तक बहते ही रहे। उसे पता था कि जिंदगी का एक चैप्टर खत्म हो रहा है।
नई नौकरी के साथ बस एक ही पुरानी चीज जुड़ी हुई थी, वह थी चैट विंडो। वे आज भी इसी खिड़की के जरिए एक-दूसरे से गहरे जुड़े हुए थे। रोज की छोटी-बड़ी बातें शेयर करना अभी भी उनकी दिनचर्या में शामिल था। लेकिन लड़के को अहसास हो चला था कि इस रिश्ते को आगे बढ़ाना मुमकिन नहीं है। बस इसीलिए धीरे-धीरे उसने ये खिड़की बंद करनी शुरू कर दी। ये लड़की के लिए बड़ा ही तकलीफदेह था। एक वही खिड़की तो थी, जहां वो कुछ पल सुकून के की तलाश में पहुंचती थी। पर उसे लगा कि वो अपनी नई जिम्मेदारियों और जिंदगी में मसरूफ होता जा रहा है।
कुछ साल उम्मीदों के सहारे काटने के बाद एक दिन आखिर उसने उसे बताया कि उसे प्यार हो गया है। वह टूट गई, पूरी तरह।
उसका ये आखिरी सपना भी अधूरा ही रह गया था, लेकिन उसने खुद को किसी तरह संभाला और जिंदगी में आगे बढऩे का फैसला लिया। उसे उन यादों और उम्मीदों से बाहर निकलने के लिए आगे बढऩा था। उसने तय किया कि वह शादी कर लेगी। तीन महीने के अंदर ही जब उसने उसे बताया कि वो शादी कर रही है तो उसके पैरों तले जमीन निकल गई। उसे पता था कि एक दिन ऐसा होगा, लेकिन जब ऐसा होगा तो उसे ऐसा महसूस होगा, ये उसे पता नहीं था।
बस, वो जिंदगी में ये सोचकर आगे बढ़ गई कि उसे उससे प्यार नहीं है और वो ये सोचकर खामोश रह गया कि वो अपनी नई जिंदगी में खुश है......

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